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kafan book review in hindi -
kafan by premchand analysis
कफन प्रेमचंद की सबसे बेहतरीन कहानियों में से एक है जो सामाजिक भेदभाव का बड़े ही मार्मिक ढंग से वर्णन करती है। भारत में सदियों से फैली वर्ण व्यवस्था के अभिशाप को इस कहानी के माध्यम से प्रेमचंद ने हमारे सामने रखने की कोशिश की है।
इस कहानी में न सिर्फ पात्रों की हृदयहीनता के माध्यम से उस सामाजिक ताने—बाने के खोखलेपन को सामने लाने का प्रयास किया गया है बल्कि साथ में उस घोर गरीबी को भी दिखाने का प्रयास किया है जो तात्कालीन समाज के गरीब लोगों ने साक्षात झेली है। प्रेमचंद ने अपने इस उपन्यास कफन में भारतीय समाज की विद्रूप सचाई को हमारे सामने रखने का प्रयास किया है।
kafan kahani ka sandesh यही है कि जो समाज अपने ही लोगों को अस्पृश्य और निम्न होने का बोध करवाता है, उसे स्वयं भी उससे उपजे अभिशापों को झेलना पड़ता है। अगर kafan premchand moral की बात की जाये तो हमें इस कहानी से शिक्षा मिलती है कि हमें सदैव एक ऐसे समाज की स्थापना के लिये काम करना होगा जो गरीबी के अभिशाप के साथ ही जातीय भेद और वर्ग विभेद के श्राप से भी मुक्त हो।
यहां हम आपको kafna kahain ka nishkarsh उपलब्ध करवाने के साथ ही kafan book download करने का लिंक भी उपलब्ध करवा रहे हैं। इस लिंक पर क्लिक करके आप kafan book pdf में डाउनलोड कर सकते हैं।
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